बैतूल. जिले में सूचना का अधिकार अधिनियम प्रशासनिक अफसरों के हाथों का खिलौना बन गया है. दर्जनों मामले आने के बाद भी आरटीआई के तहत जानकारी प्रदान करने के लिए कोई दिशा-निर्देश उच्च अधिकारियों के द्वारा जारी नहीं किये जा रहे है. ताजा मामला आरटीआई एक्टीविष्ट जीतेन्द्र पेसवानी का है. श्री पेसवानी ने बताया कि उन्होंने लोक सेवा प्रबंधन विभाग बैतूल में 7 नवंबर को आरटीआई के तहत आवेदन प्रस्तुत किया था. आरटीआई के प्रावधानों के अनुरूप उन्हें तीन दिवस में आवेदन प्राप्ति की सूचना नहीं दी गई.
डिप्टी कलेक्टर बैतूल की ओर से 5 दिसंबर को दो पत्र जारी किया गया जिसमें जावक क्रमांक एक ही अंकित किया गया है, इसके साथ ही उन्होंने अवलोकन के लिये भी आवेदन प्रस्तुत किया था, जिसके लिये 315 पृष्ठों के लिए 630 रूपये जमा करने का पत्र थमा दिया गया. श्री पेसवानी ने आरोप लगाया कि लोक सेवा प्रबंधन विभाग के जिम्मेदार अफसरों के द्वारा उन्हें गुमराह करते हुए दस्तावेजों के अवलोकन के लिए भी 630 रूपये जमा करने का पत्र देकर कानून का मखौल उड़ाया है. श्री पेसवानी ने बताया कि उन्हें जारी किए गए पत्र पर सील भी नहीं लगी हुई है. इतना ही नहीं दस्तावेजों का निरीक्षण करने के लिए मात्र एक दिन का समय निर्धारित किया गया जो कानून के मुताबिक नहीं है. श्री पेसवानी ने इसकी शिकायत जिला कलेक्टर से भी की है.