बैतूल। 12 साल, 12 माह, 12 दिन, 12 बजे और 12 सेंकंड पर विश्व में शायद पहली बार 12 मिनट, 12 सेंकेंड का अनोखा धरना प्रदर्शन हुआ होगा जो कि बैतूल में हुआ। मां सूर्यपुत्री जागृति समिति बैतूल के द्वारा मां सूर्यपुत्री ताप्ती का नाम मध्यप्रदेश गान में शामिल करने की मांग सहित 12 मांगों को लेकर आज दोपहर 12 बजे से धरना शुरू किया गया। इस अनोखे धरने में 12 के अंक का अनोखा संयोग रहा। धरने में 12 संप्रदाय के 12 लोग ही शामिल हुए और गांधीवादी तरीके से दिए गए इस धरने में लोग ज्ञापन और गुलाब का फूल हाथ में लिए थे। धरना समाप्त होने के बाद डिप्टी कलेक्टर एआर खान को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया और इसके बाद सभी 12 लोगों ने उन्हें गुलाब के फूल सौंपते हुए मांग पूरी करने की बात कही।
धरने में मां सूर्यपुत्री ताप्ती जागृति समिति के प्रमुख रामकिशोर पंवार, जिला निगरानी समिति के चेयरमेन प्रशांत गर्ग, अधिवता संजय शुक्ला, वरिष्ठ पत्रकार आनंद सोनी, मयंक भार्गव, युवराज गौर, सुनील पलेरिया, संदेश खलतकर, रामदास पाटिल, समाज सेवी नुरूल लतिफ कुरैशी, संजय पीटर, अनिल मगरकार शामिल हुए। समिति के प्रमुख रामकिशोर पंवार ने बताया कि पुण्य सलीला मां सूर्यपुत्री ताप्ती के जन्म स्थान एवं सबसे अधिक प्रवाह क्षेत्र मध्यप्रदेश के बैतूल जिले को ताप्ती अंचल घोषित किए जाने, मध्यप्रदेश गान में नाम शामिल किए जाने सहित ताप्ती के उत्थान को लेकर 12 मांगों का ज्ञापन भेजा है।
श्री पंवार ने यह भी कहा कि सूर्यपुत्री मां ताप्ती का नाम राष्ट्रीय गीत में भी शामिल होना चाहिए। क्योंकि राष्ट्रीय गान में देश की सभी प्रमुख नदियों के नाम है। लेकिन सबसे पहले धरती पर अवतरित पुण्य सलीला मां सूर्यपुत्री का नाम नहीं है। उन्होंने आज के धरने को लेकर कहा कि इतिहास में शायद पहली बार इस तरह का धरना हुआ है और इससे मांगे भी पूरी होंगी।