बैतूल। सन् 1983 में प्रदर्शित फिल्म अर्पण का एक गीत आनंद बख्शी ने लिखा था कि 'मोहब्बत अब तिजारत बन गई हैÓ, वैसे कत्रिम प्रेम कभी टिक नहीं सकता और सच्चे प्रेम की नकल नहीं हो सकती है। तिजारत त... Read more
बैतूल। सन् 1983 में प्रदर्शित फिल्म अर्पण का एक गीत आनंद बख्शी ने लिखा था कि 'मोहब्बत अब तिजारत बन गई हैÓ, वैसे कत्रिम प्रेम कभी टिक नहीं सकता और सच्चे प्रेम की नकल नहीं हो सकती है। तिजारत त... Read more